बिहार में जातीय सर्वे कराकर उसके आंकड़े सामने रखने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब ओबीसी आरक्षण की मांग उठा रहे हैं। उनका कहना है कि ओबीसी समाज की आबादी यदि 60 फीसदी से भी ज्यादा है तो उन्हें उसके अनुपात में ही आरक्षण मिलना चाहिए। यही नहीं इस मसले को वह लोकसभा चुनाव तक जिंदा रखना चाहते हैं ताकि जातीय आधार पर ध्रुवीकरण हो और उसका फायदा मिल सके।